UP: मुख्तार अंसारी को लेकर CM योगी ने जो 13 साल पहले कहा.. आज सच कर दिखाया
Vidya Gyan Desk: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ (UP CM Yogi Adityanath) की सरकार ने अपराधियों के गुनाहों का पूरा हिसाब करने का मन बना लिया है। अपनी गुंडागर्दी और अपराध के दम पर दहशत फैलाने वाले मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) की मुश्किलें अब और भी बढ़ गई हैं, क्योंकि दो हफ्ते में उसे पंजाब के रोपड़ से यूपी के जेल में शिफ्ट किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने फैसला सुनाते हुए मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को यूपी भेजने का आदेश दे दिया है। जो मुख्तार अंसारी के लिए तगड़े झटके से कम नहीं है। मुख्तार के गुनाहों का हिसाब योगी आदित्यनाथ (UP CM Yogi Adityanath) आखिरकार क्यों जल्द से जल्द करना चाहते हैं।
यूपी में गिरने लगी अपराध की इमारत!
पूर्वांचल के माफिया डॉन मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के लिए ये यकीन करना अब भी मुश्किल हो रहा होगा कि जिस साम्राज्य को उसने अपने डर और दहशत के दम पर खड़ा किया था, उस पर बुलडोजर चलने लगेगा।
यूपी में कई सरकारें (UP Govts) आईं और चली गईं, लेकिन 2017 के बाद अंसारी और उससे जुड़े लोग पर शिकंजा कसना शुरू हो गया था। बीते छह महीने के दौरान मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) और उनसे जुड़े लोगों की अवैध संपत्तियों को जमीन में मिला दिया गया।
वर्ष 2020 के अगस्त माह में लखनऊ के डालीबाग में 2 मंजिला बिल्डिंग को लखनऊ विकास प्राधिकरण ने बुलडोजर से गिरा दिया था। ये मुख्तार अंसारी की बिल्डिंग थी, जिसे उसने अवैध ढंग से शत्रु संपत्ति पर बनाई थी और बाद में फर्जी ढंग से अपनी मां के नाम भी करा लिया था।
इसके बाद गाजीपुर, मऊ और वाराणसी में भी मुख्तार की अवैध संपत्तियों पर बुलडोजर चला। योगी आदित्यनाथ की सरकार में मुख्तार अंसारी के खिलाफ कार्रवाई इतनी तेज क्यों हुई? इस सवाल का जवाब 16 साल पहले के कांड से मिलेगा।
16 साल पीछे की कहानी समझिए
वर्ष 2005 में जब मऊ दंगे हुए थे। मुख्तार अंसारी खुली गाड़ी में दंगे वाली जगहों पर घूम रहा था। तब ये आरोप लगा था कि दंगों को भड़काने का काम मुख्तार अंसारी ने ही किया था। इन दंगों के बाद 2006 में गोरखपुर से तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ ने मुख्तार अंसारी को चुनौती दी थी कि मऊ आकर पीड़ितों को इंसाफ दिलाएंगे, लेकिन उन्हें मऊ जिले में दोहरीघाट में रोक दिया गया था।
इसके तीन साल बाद 2008 में योगी आदित्यनाथ आजमगढ़ जा रहे थे, तब उनके काफिले पर हमला कर दिया गया था। उनकी गाड़ी में तोड़फोड़ हुई थी। उपद्रवियों ने आगजनी की भी कोशिश की थी। उस वक्त योगी आदित्यनाथ ने संकेत दिया था कि उन पर किसने हमला करवाया था।
CM योगी ने 13 साल पहले कही थी ये बात
तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि ‘लगातार मुस्लिम पक्ष गोलियां चला रहा था, गाड़ियों को तोड़ा जा रहा था पुलिस मौन बनी रही, हम लोगों ने चेतावनी रैली की। हम लोग इस लड़ाई को आगे बढ़ाएंगे, जिसने भी गोली मारी है अगर पुलिस कार्रवाई नहीं करेगी तो गोली मारने वालों को जवाब दिया जाएगा उसी भाषा में।’
आजमगढ़ हमले में कुछ लोगों ने मुख्तार अंसारी का हाथ होने का भी आरोप लगाया था, हालांकि ये सिर्फ आरोप था इसकी पुष्टि कभी नहीं हुई।
अब जब योगी आदित्यनाथ प्रदेश के मुखिया हैं तो उन्होंने राज्य को माफियाराज और गुंडाराज से मुक्त करने का संकल्प ले रखा है। उसी संकल्प को पूरा करने के लिए मुख्तार अंसारी के अंडरवर्ल्ड पर बुलडोजर से चलवा रहे हैं। इतना ही नहीं मुख्तार गैंग के कई अपराधी या तो एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं या फिर जेल की सलाखों तक पहुंच चुके हैं। मुख्तार गैंग की अरबों की संपत्ति भी जब्त हो चुकी है।
जो मुख्तार अंसारी हमेशा इस बात से बेफ्रिक रहता था कि सत्ता में कोई भी पार्टी रहे उसे कुछ भी नहीं हो सकता। मुख्तार अंसारी की इसी सोच पर योगी सरकार ने बुलडोजर चलाकर प्रदेश के दूसरे ज़िलों के गुंडे और माफिया को भी कड़ा संदेश दे दिया है। अब एक बार फिर योगी सरकार मुख्तार अंसारी की यूपी की जेल में मेहमाननवाजी करने के लिए तैयार है।